एक खूबसूरत लड़की की कहानी जो बहुत सारी परेशानियों से पीड़ित है।-2025

एक खूबसूरत लड़की की कहानी जो बहुत सारी परेशानियों से पीड़ित है।


यार कितनी मुश्किल होती है ना एक लड़की की जिंदगी जो अपने ही घर में एक कैदी की तरह महसूस करती है कृति हो ना ही वो किसी से अपनी बात शेयर करें पति हो ना हाय उसका कोई दोस्त हो या माँ बाप जो भगवान के समान होते हैं वो भी अगर हैवान निकल जाए तो कैसी जीती है वो लड़की तो चलिए ऐसी ही एक कहानी सुनते हैं।
ये कहानी है दिल्ली की रहने वाली एक लड़की की। जिसकी मां बचपन में जब वो 1 साल की थी तभी गुजर गई थी या वो अपनी मां की एकलौती औलाद थी। फिर उसके पापा ने दूसरी शादी कर ली जो कि सुफी की सोटेली मां हुई। फिर शादी के बाद सुफी के पापा के 2 बच्चे या हुए वो लोग थोड़े बड़े हुए सुफी के भाई बहन या उसकी सोतेली माँ उसको ज्यादा पसंद नहीं करती थी वो जब भी अपने भाई बहन के पास खेलने जाती थी या कुछ बात करने जाती थी तो वो उसको मार देती थी।
सूफी रोटी लेकिन उसकी बात उसकी मां नहीं सुनती या ना ही उसके पापा सुनते या इतना ही नहीं सूफी ने कई बार अपने पापा का वो बयानक चेहरा भी देखा था जो कहा ही कोई बेटी अपने बाप से उम्मीद करती है सुफी के पापा उसे इस्तेमाल करें कई बार गंदी तरह से उसकी बॉडी को टच करो सुफ़ी को ये थोड़ा अजीब तो लगता था लेकिन वो उस समय बची थी इसलिए इन बातों पर ध्यान नहीं देती थी। उसके बाद वक्त गुजरा गया सुफी बड़ी हुई वो 20 साल की हुई या कॉलेज में गई सुफी के ज्यादा दोस्तों नहीं थे या ना ही वो ज्यादा किसी से बात करना पसंद करती थी वो सिर्फ घर से कॉलेज या कॉलेज से घर आती थी। या सुफी के पीटा कई बार सुफी को शारीरिक या मानसिक रूप से परेशान किया जाता है, सुफी ये बात अपनी मां या भाई बहन से भी साझा करती है कि कोसिस कृति थी तो वो यूएसपे हस्कर या मजाक बनकर भागा देते थे। सुफ़ी अकेले रूम में बेथ क्र रोटी थी ना ही वो किसी को अपनी समस्या बता सकती थी या ना ही उसका कोई ऐसा दोस्त था जो उसकी मदद कर सके।

फिर एक दिन कॉलेज में एक लड़के ने जो सुफी को हमेशा से नोटिस किया था उसकी परेशानी उसके चेहरे पर हर चीज का निरीक्षण किया गया था वो वास्तव में सुफी को पसंद करता था लेकिन वो देखता था सुफी ज्यादा किसी से बात नहीं थी बीएस उसकी एक दोस्त थी उसके साथ आती थी या जाती थी सुफ़ी स्टडी में भी इंटेलिजेंट थी या देखने में भी सुंदर थी। उस लड़के ने सुफी के बारे में पूछा कि उसने किसी से बात नहीं की या बहुत सारी चीजें लिखीं, लेकिन सुफी की दोस्त को भी उसकी पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था जो वो सफर कर रही थी।
अगले दिन उस लड़के ने हिम्मत करके सुफी के एगी दोस्ती का हाथ बढ़ाया सुफी पहले तो डर गई या डर हाथ गई लेकिन कहीं न कहीं सुफी को भी वह लड़का पसंद आया था, बीएस सुफी को किसी चीज का डर था जो उसे अगली दोस्ती का हाथ बढ़ाता था, न ही दे रहा था वह लड़का फिर भी पीछे नहीं हटा कोसिस कर रहा सुफी को मनाने की। सुफ़ी भी उससे प्रभावित होने लगी उसके बारे में मैं सोचती थी लेकिन फिर उसके पिता का भयानक चेहरा उसके पीछे हटने पर मजबूर करता था। जब वो इन बातों को सोच ही रही थी तब सुफी का फादर रूम में आया या रूम बंद करके उसको गलत-गलत जगह टच किया सुफी को मारा या धमकी दी कि सबसे दूर रहे सुफी बहुत ज्यादा डर गई। .
जब सुफी अगले दिन कॉलेज गई या जब वह लड़का जो उसे पसंद आया था उसके सामने आया या सुफी ने उसको गले से लगा लिया सुफी को देख कर ऐसा लग रहा था कि वो अब पूरी तरह से टूट चुकी है या अब किसी सहारे की जरूरत है जो सिर्फ उसे एक अच्छा पार्टनर ही दे सकता है वो लड़का बिल्कुल शॉक्ड हो गया सुफ्फी उसको गले से लगाके बहुत ज्यादा रोने लगी। पहली बार किसी लड़के से इतनी देर बात कर रही थी उसने उसको पूरी बात तो नहीं बताई लेकिन उन दोनों की बात शुरू हो गई थी।  लड़के ने कई बार पूछा कि कोसिस की लेकिन सुफी ने उसको कुछ नहीं बताया अब सुफी थोड़ा थोड़ा खुश रहने लगी जिंदगी में पहले बार सुफी के चेहरे पर मुस्कुराहट आई थी। वो दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे। या जब सुफ़ी घर आती थी उसके चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर उसके पिता को उसपे शक होने लगा या उन्हें फिर से सुफ़ी को धमकाने की कोसिस की लेकिन इस बार सुफ़ी नहीं रोयी या ना ही डरी।
अगले दिन सुफ़ी ने उस लड़के को अपनी कहानी पूरी बताई वो लड़का भी हैरान हो गया ये सब सुनकर उसने सुफ़ी को बोला चुप रहने से कुछ नहीं होगा हमें पुलिस के पास जाना चाहिए। लेकिन थी तो वो बेथी ही कोई लड़की अपने पिता को कैसे जेल करा सकती है। उस दिन उसने वो बात वही रोक दी लेकिन एक दिन उसका पिता उसकी सोतेली मां या बच्चों को घर में मार रहा था या तीसरी शादी करने की धमकी दे रहा था उस समय उसने अपनी मां को या भाई बहन को अपने बाप से बचाया या अगले दिन उन चारो उसकी मां भाई बहन सब मिल कर पुलिस स्टेशन गए या अपने पिता के बारे में सब बताया तब जा कर उस हेवान को सजा मिली! हिम्मत सुफी को उस लड़के ने दी थी. .. .
तो इसलिए दोस्तों चुप रहो से कभी इन्साफ नहीं मिलता चाहे क्राइम हमारे अपने कर रहे हो या पराये। उनकी हेवानियत आगे चल के किसी या पे भी भारी पड़ सकती है इसलिए उसे वही पे रोकने की ज़रूरत है।  

ऐसी या बेहतर कहानी सुनने के लिए हमारे साथ बने रहें।

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